हे हिन्दू राष्ट्र उतिष्ठत ! जाग्रत !!
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सन् १९६३ में स्वामी विवेकानन्द के जन्म शताब्दी समारोह के दौरान माननीय श्री एकनाथ रानडेजी ने Swami Vivekananda's Rousing Call to Hindu Nation - हे हिन्दुराष्ट्र उत्तिष्ठत जाग्रत नामक ग्रन्थ का संकलन कार्य कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। आम-जन तक पहुँचाना ही इस ग्रन्थ के संकलन का उद्देश्य था। स्वामीजी ने कहा था, भारत तभी जागृत हो सकता है, जब सैंकड़ों नि:स्वार्थ युवक एवं युवतियां अपने जीवन की समस्त इच्छाओं व सुख - सुविधा को त्याग कर स्वयं को अपने लाखों देशवासियों की सेवा में समर्पित कर दे। यह प्रेरणादायी पुस्तक युवाओं में से एक हूँ। यह अत्यंत आवश्यक है कि अधिकाधिक युवा स्वयं से यह प्रश्न पूछे और इसका उत्तर हाँ मे दे।"भारत का उत्थान केवल तभी संभव है। महान कार्यों की पूर्ति केवल महान त्याग के द्वारा ही हो सकति है।"
Publication Year | 2012 |
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VRM Code | 3003 |
Pages | 176 |
Volumes | 1 |
Format | Soft Cover |
Author | Ma.Eknath Ranade |
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