कथा विवेकानन्द शिला स्मारक की
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राजनीति से मीलों दूर प्रत्येक व्यक्ति में भारतीयता को जागृत करना होगा और उनसे काम लेना होगा। प्रत्येक में भारतीयता, हिन्दुत्व तथा वेदान्त को जागृत करना है। किसी भी व्यक्ति की सतही चेतना के थोड़ा भीतर प्रवेश करके देखो तो आपको ज्ञात होगा कि अन्तस्तल में वह इस मातृभूमी का बच्चा है। वह पाश्चात्यवाद, रुसीवाद, अाधुनिकवाद आथवा कोई वाद की बात कर सकता है, परन्तु वह मूल रुप से इस धरती की सन्तान है और आप उस पर भरोसा कर सकते हैं।
VRM Code | 1667 |
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Pages | 115 |
Volumes | 1 |
Format | Soft Cover |
Author | Ma.Eknath Ranade |
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