स्वामी विवेकानन्द और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Swami Vivekananda Aur Dr. Babasaheb Amedakar)
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स्वामीजी का संदेश था कि सामान्य व्यक्ति का उत्थान करना ही सर्वश्रेष्ठ धर्म है और सभी को अपने अाचरण द्वारा इस धर्म का पालन करना चाहिए। स्वामीजी के इस संदेश को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने प्रत्यक्ष रुप में साकार किया। अज्ञान से ग्रस्त समाज का आत्मसम्मान जगाया। वंचित समाज को उन्होंने 'उठो, जगो और संगठित बनो' का संदेश दिया। बाबासाहब का यह कार्य असामान्य है। इस देश का उपेक्षित समाज स्वामीजी के चिंतन और बाबासाहब के कार्य का साझा लक्ष्य था। स्वामीजी की १५० वीं जयंती के अवसर पर पुन: एक बार इन दोनों महापुरुषों के इस साझे लक्ष्य का अध्ययन किया जाए और इन दोनों के विचार व कार्य के अनुरुप कार्य इस वर्ष सभी के द्वारा हो, यही इस पुस्तक का उद्देश्य है। सार्ध शती समारोह समिति का यह सातवां पुष्प आप सभी को देते हुए समिति अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव कर रही है।
Publication Year | 2013 |
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VRM Code | 3023 |
Edition | 1 |
Pages | 88 |
Volumes | 1 |
Format | Soft Cover |
Author | Ramesh Patange |
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