सेवा ही साधना
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विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी एक आध्यात्म - प्रेरित सेवा संगठन जीवनव्रती कार्यकार्ताओं के माध्यम से कार्य करता है।
७ जनवरी १९७२ को सूर्योदय के समय विवेकानन्द शिलास्मारक पर अपना सर्वस्व अर्पित करने को तत्पर १६ कार्यकर्ताओं ने जीवनव्रत की दिक्षा ग्रहण की। यह जीवनव्रतियों की अक्षय श्रृंखला की प्रथम कड़ी थी।
विवेकानन्द शिला स्मारक के प्रणेता एवं विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक माननीय एकनाथजी रानडे ने इन जीवनव्रतियों को साधना के विभिन्न पहलुओं पर गहन प्रशिक्षण दिया।
उन व्याखानों का यह संग्रह प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक अद् भूत मार्गदर्शक है। जीवन को साधना में परिणत करने की अनमोल कुंजी..... सेवा ही साधना ।
Publication Year | 1992 |
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VRM Code | 1626 |
Edition | 4 |
Pages | 160 |
Volumes | 1 |
Format | Soft Cover |
Author | Ma.Eknath Ranade |
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